UP NEWS

स्वदेशी मेले से हस्तशिल्पियों को मिलेगा 1500 करोड़ का बड़ा बाज़ार | Vocal For Local बनेगा नया अभियान

भारत सदियों से हस्तशिल्प कला, परंपरा और स्थानीय उत्पादों के लिए जाना जाता है। लेकिन विदेशी वस्तुओं के बढ़ते चलन के बीच हमारे देशी उत्पाद और कारीगर धीरे-धीरे पीछे छूटते जा रहे थे।
इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने “स्वदेशी मेले” की शुरुआत की है — जिसका मकसद है ‘वोकल फॉर लोकल’ को मज़बूत करना और देशी हस्तशिल्पियों को 1500 करोड़ रुपये के बड़े बाज़ार से जोड़ना।

क्या है स्वदेशी मेले?

मेला एक राज्यव्यापी आयोजन है जो उत्तर प्रदेश के हर जिले में 18 अक्टूबर तक चल रहा है।
इसमें प्रदेश के हजारों कारीगर, हस्तशिल्पी, महिला उद्यमी और छोटे व्यापारी भाग ले रहे हैं।
सरकार ने इन्हें नि:शुल्क स्टॉल (Free Stalls) उपलब्ध कराए हैं ताकि वे बिना किसी खर्च के अपने उत्पाद प्रदर्शित और बेच सकें।

स्वदेशी मेले का उद्देश्य

इस मेले का सबसे बड़ा उद्देश्य है —

दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान चीनी उत्पादों से बाजार को मुक्त करना।
स्थानीय उत्पादों और भारतीय कारीगरों को प्रोत्साहित करना।
ग्रामीण और महिला उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाना।

इस पहल से लोगों को यह प्रेरणा दी जा रही है कि वे त्योहारों पर मेड इन इंडिया वस्तुओं को ही अपनाएं।

छोटे हस्तशिल्पियों और महिलाओं को बड़ा मंच

स्वदेशी मेले का सबसे सुंदर पहलू यह है कि इसमें छोटे स्तर के कारीगर, महिलाएं और लघु उद्योग एक बड़े मंच पर अपने उत्पाद दिखा सकते हैं।
यह न केवल उनके लिए कमाई का मौका है बल्कि पहचान और ब्रांडिंग का अवसर भी है।

यह स्वदेशी मेले स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं के लिए भी वरदान साबित हो रहा है।
वे अपने बनाए दीये, अगरबत्ती, कपड़े, सजावट सामग्री, जूट के बैग और घरेलू उत्पादों को सीधे ग्राहकों को बेच सकती हैं।

1500 करोड़ का अनुमानित कारोबार

राज्य सरकार का अनुमान है कि इन मेलों के माध्यम से करीब 1500 करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा।
यह आंकड़ा बताता है कि लोग अब देशी उत्पादों की ओर लौट रहे हैं और “स्वदेशी अपनाओ, देश बनाओ” की सोच को आगे बढ़ा रहे हैं।

कौन-कौन से विभाग जुड़े हैं

इस अभियान में कई सरकारी विभाग मिलकर काम कर रहे हैं —

  • खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग
  • सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग (MSME)
  • हस्तशिल्प निदेशालय
  • महिला आयोग एवं आजीविका मिशन

ये सभी विभाग हस्तशिल्पियों को आवश्यक सुविधाएं, बिजली, सुरक्षा, पानी और प्रचार-प्रसार की व्यवस्था कर रहे हैं।

स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा

मेले में देशी और पारंपरिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया जा रहा है जैसे —

  • मिट्टी के दीये और मूर्तियां
  • लकड़ी के खिलौने
  • जूट और बांस के उत्पाद
  • हैंडलूम व हैंडीक्राफ्ट आइटम
  • पीतल और कांसे के घरेलू सामान
  • हस्तनिर्मित कपड़े और सजावट सामग्री

इन उत्पादों को देखकर लोगों में एक नई “देसी खरीदारी संस्कृति” का विकास हो रहा है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम

स्वदेशी मेले की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नया रास्ता खोला है।
महिला समूह अब खुद के ब्रांड बना रही हैं और अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन बेचने की भी तैयारी में हैं।
इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मविश्वास बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विज़न

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट कहना है कि उत्तर प्रदेश के हर जिले में स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देना सरकार की प्राथमिकता है।
उनका लक्ष्य है कि 2025 तक हर जिले का एक “स्वदेशी ब्रांड” हो जो राज्य के साथ-साथ पूरे देश में पहचाना जाए।

उन्होंने कहा —
अगर हम विदेशी वस्तुओं पर निर्भर रहना छोड़ दें और अपने कारीगरों के बनाए सामान को अपनाएं, तो भारत दुनिया का सबसे आत्मनिर्भर देश बन सकता है।

Vocal For Local से Local To Global तक

सरकार अब “वोकल फॉर लोकल” को अगले स्तर तक ले जाने की तैयारी में है।
निर्यात प्रोत्साहन परिषद (Export Promotion Council) के माध्यम से राज्य के हस्तशिल्प उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी पहुंचाने की योजना है।
इससे भारतीय कला, शिल्प और संस्कृति को वैश्विक पहचान मिलेगी।

भविष्य की योजना

राज्य सरकार ने बताया है कि आने वाले वर्षों में इन मेलों को डिजिटल प्लेटफॉर्म से भी जोड़ा जाएगा, ताकि कारीगर अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेच सकें और देश के किसी भी कोने से ग्राहक उन्हें खरीद सकें।

निष्कर्ष

स्वदेशी मेले केवल एक प्रदर्शनी नहीं बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा आंदोलन है।
1500 करोड़ का यह बाजार छोटे कारीगरों, महिला उद्यमियों और ग्रामीण युवाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का प्रतीक बनेगा।
यदि जनता इस पहल को अपनाए तो मेड इन इंडिया सिर्फ एक टैग नहीं बल्कि गर्व की पहचान बन जाएगा।

इसे भी पढ़ें: पीएम किसान सम्मान निधि योजना का पैसा इस दिन आयेगा किसानों के बैंक खाते में दिवाली पर और भी खास नियम पूरी जानकारी पढ़े

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Discover more from Viral Update24

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading