Karwa Chauth 2025: पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और चाँद निकलने का समय, नई महिलाएं ये गलती भूल कर भी ना करें
Karwa Chauth 2025 : इस साल 10 अक्टूबर (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
आइए जानते हैं — इस साल के शुभ मुहूर्त, चाँद निकलने का समय, और पूजा विधि के साथ-साथ नई महिलाओं के लिए खास टिप्स।
Karwa Chauth 2025 की तारीख और समय
विवरण | समय / अवधि |
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करवा चौथ की तिथि | 10 अक्टूबर 2025, शुक्रवार |
व्रत आरंभ (सूर्योदय के बाद) | सुबह 06:19 बजे |
पूजा का शुभ मुहूर्त | 05:57 PM से 07:11 PM तक |
चांद निकलने का समय | रात 09:01 बजे |
व्रत समाप्ति | चांद देखने के बाद |
नोट: विभिन्न शहरों में चांद निकलने का समय थोड़ा अलग हो सकता है। अपने इलाके का सटीक समय स्थानीय पंचांग या ऐप से भी देख लें।
करवा चौथ की पूजा विधि
करवा चौथ का व्रत बेहद पवित्र माना जाता है। इस दिन महिलाएं दिनभर बिना अन्न और जल ग्रहण किए उपवास रखती हैं और शाम को चाँद निकलने के बाद पूजा कर व्रत खोलती हैं।
सरगी (Sargi) का सेवन
- सरगी सूर्योदय से पहले खाई जाती है, जो सास अपने बहू को देती है।
- इसमें फल, मिठाई, मेवे, नारियल, सिवई और पानी शामिल होता है।
- सरगी खाने के बाद महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं।
दिनभर का व्रत
- महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं यानी न खाना, न पानी पीना।
- दिनभर ईश्वर और अपने पति के कल्याण की प्रार्थना की जाती है।
श्रृंगार और तैयारी
- शाम के समय महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं — जैसे मेहंदी, सिंदूर, चूड़ियां, बिंदी, बिछुए आदि।
- पूजा की थाली सजाई जाती है जिसमें दीपक, फल, मिठाई, फूल, छलनी, करवा, और कथा की पुस्तक रखी जाती है।
पूजा और कथा वाचन
- निर्धारित मुहूर्त (05:57 PM – 07:11 PM) के बीच पूजा करें।
- भगवान शिव, माता पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की पूजा की जाती है।
- इसके बाद करवा चौथ की कथा सुनाई या पढ़ी जाती है।
- महिलाएं अपनी थाली को पास-पास बैठी महिलाओं के बीच सात बार घुमाती हैं।
चाँद को अर्घ्य देना और व्रत खोलना
- जब चाँद निकलता है (लगभग 9:01 बजे), तब महिलाएं छलनी से चाँद को देखती हैं।
- फिर उसी छलनी से पति का चेहरा देखती हैं और पति के हाथ से पानी या मिठाई लेकर व्रत खोलती हैं।
- यह क्षण प्रेम और आस्था का प्रतीक होता है।
पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- मिट्टी का करवा (जल पात्र)
- दीपक (घी या तेल का)
- रौली, चावल (अक्षत), फूल, मालाएं
- फल, मिठाई, सूखे मेवे
- छलनी, कथा पुस्तक, कलश
- श्रृंगार की वस्तुएँ – बिंदी, चूड़ी, मेहंदी, सिंदूर आदि
पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए सुझाव
संकल्प पूरी श्रद्धा से लें – व्रत मन की शक्ति से निभाया जाता है, इसलिए विश्वास रखें।
शरीर को तैयार करें – व्रत से पहले पर्याप्त जल और हल्का भोजन लें ताकि दिनभर ऊर्जा बनी रहे।
पूजा की सामग्री पहले से तैयार रखें – किसी चीज़ की कमी ना रहे।
थकान न लें – दिनभर आरामदायक कपड़े पहनें और खुद को रिलैक्स रखें।
कथा ज़रूर सुनें या पढ़ें – यह करवा चौथ का सबसे मुख्य भाग है।
पति के साथ भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाएं – यह व्रत केवल परंपरा नहीं बल्कि प्यार का प्रतीक है।
करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ सिर्फ व्रत या पूजा नहीं, बल्कि यह वैवाहिक रिश्ते की मजबूती, विश्वास और प्रेम का उत्सव है।
इस दिन महिलाएं भगवान से अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना करती हैं।
इसीलिए इसे “सौभाग्य पर्व” भी कहा जाता है।
निष्कर्ष
करवा चौथ 2025 का व्रत हर विवाहित स्त्री के लिए एक खास भावनात्मक दिन होता है।
अगर आप भी इस साल व्रत रख रही हैं, तो ऊपर बताए गए शुभ मुहूर्त और विधियों का पालन ज़रूर करें।
यह न केवल आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाएगा बल्कि आपके रिश्ते को और अधिक मजबूत बनाएगा।